गाजियाबाद, वरिष्ठ संवाददाता
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार चौधरी अब अपार्टमेंट अधिनियम के अधिकार के तहत विभागीय योजनाओं में कार्रवाई कर सकेंगे। शासनादेश के बाद प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरण से जुड़े उपाध्यक्ष को अधिनियम के अधिकार सौंपे गए है। इसके बाद उपाध्यक्ष सीधे आम लोगों की शिकायत पर कार्रवाई करेंगे।
उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट निर्माण, स्वामित्व और अनुरक्षण का संवर्धन नियमावली, 2011 के अंतर्गत अब जीडीए उपाध्यक्ष भवनों के अलावा बिल्डरों द्वारा बनाए मकान व बिल्डिंग में आने वाली समस्याओं के बारे में कार्रवाई करेंगे। उल्लेखनीय है कि जीडीए के अलावा निजी बिल्डरों द्वारा बनाए जाने वालो मकानों में कई तरह की समस्याएं रहती है। मकान की बिक्री के बाद बिल्डर आम लोगों की समस्याएं सुनने की बजाय कतराते है। ऐसे में आम लोग पुलिस की शरण लेते हैं। जो सीधे तौर पर बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। लेकिन नए नियम के तहत उपाध्यक्ष ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अभी तक महानगर में बिल्डरों के यहां पानी, सीवर और अन्य तरह की सुविधाओं को लेकर लोग शिकायत करते है। ऐसा बिल्डरों द्वारा किए गए वायदों को न निभाने पर होता है।
जीडीए उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि शासनादेश के अनुसार अब प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अपार्टमेंट अधिनियम तहत कार्रवाई कर सकते है। इससे पूर्व वह अधिनियम में कार्रवाई नहीं कर सकते थे। शासनादेश के बाद अब विकास प्राधिकरण और उपाध्यक्ष के अधिकारों को ओर मजबूती मिलेगी। साथ ही अपार्टमेंट योजनाओं में आने वाली परेशानियों से बचा जा सकेगा।
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Source: http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8624907.html
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार चौधरी अब अपार्टमेंट अधिनियम के अधिकार के तहत विभागीय योजनाओं में कार्रवाई कर सकेंगे। शासनादेश के बाद प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरण से जुड़े उपाध्यक्ष को अधिनियम के अधिकार सौंपे गए है। इसके बाद उपाध्यक्ष सीधे आम लोगों की शिकायत पर कार्रवाई करेंगे।
उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट निर्माण, स्वामित्व और अनुरक्षण का संवर्धन नियमावली, 2011 के अंतर्गत अब जीडीए उपाध्यक्ष भवनों के अलावा बिल्डरों द्वारा बनाए मकान व बिल्डिंग में आने वाली समस्याओं के बारे में कार्रवाई करेंगे। उल्लेखनीय है कि जीडीए के अलावा निजी बिल्डरों द्वारा बनाए जाने वालो मकानों में कई तरह की समस्याएं रहती है। मकान की बिक्री के बाद बिल्डर आम लोगों की समस्याएं सुनने की बजाय कतराते है। ऐसे में आम लोग पुलिस की शरण लेते हैं। जो सीधे तौर पर बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। लेकिन नए नियम के तहत उपाध्यक्ष ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अभी तक महानगर में बिल्डरों के यहां पानी, सीवर और अन्य तरह की सुविधाओं को लेकर लोग शिकायत करते है। ऐसा बिल्डरों द्वारा किए गए वायदों को न निभाने पर होता है।
जीडीए उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि शासनादेश के अनुसार अब प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अपार्टमेंट अधिनियम तहत कार्रवाई कर सकते है। इससे पूर्व वह अधिनियम में कार्रवाई नहीं कर सकते थे। शासनादेश के बाद अब विकास प्राधिकरण और उपाध्यक्ष के अधिकारों को ओर मजबूती मिलेगी। साथ ही अपार्टमेंट योजनाओं में आने वाली परेशानियों से बचा जा सकेगा।
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